लड़कि यों के लिए 5000 योजना ₹5000 योजना दरअसल भारत के विभिन्न राज्यों द्वारा चलाई जा रही बेटियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का हिस्सा है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में “मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना” के अंतर्गत बेटी के जन्म पर ₹5000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, वहीं हरियाणा की “लाडली योजना” में दूसरी बेटी के जन्म पर ₹5000 की राशि फिक्स्ड डिपॉज़िट के रूप में जमा की जाती है।
इसी तरह दिल्ली और अन्य राज्यों में भी बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजना एँ चलाई जा रही हैं, जिनमें विद्यालय में प्रवेश के समय ₹2000 से ₹5000 तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज में बालिकाओं की स्थिति को सुदृढ़ करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
भारत में कई राज्य सरकारें लड़कियों के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ₹5000 या उससे अधिक की आर्थिक सहायता वाली योजनाएं चला रही हैं। मैं नहीं जानता कि आप इस लेख को किस राज्य से पढ़ रहे हैं, लेकिन मैंने इस आर्टिकल में उन सभी प्रमुख राज्यों की योजनाओं को शामिल किया है जिनके बारे में मुझे जानकारी है। यदि आप भी किसी राज्य से संबंधित हैं और अपनी बेटी के लिए कोई योजना तलाश रहे हैं, तो कृपया पूरा लेख पढ़ें। हो सकता है, आपके राज्य में भी लड़कियों के लिए ₹5000 या अधिक की सहायता वाली कोई बेहतरीन योजना लागू हो। मेरे द्वार लिखा गया यह पोस्ट किसी बेटी के काम आ जाए तो यह मेरा सौभाग्य होगा
हरियाणा लाडली - आपकी बेटी हमारी बेटी योजना
हरियाणा सरकार ने बेटियों के सम्मान और उनके उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से ‘लाडली’ और ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ जैसी अनमोल योजनाएं शुरू की हैं। इस योजना के अंतर्गत यदि किसी परिवार में दूसरी बेटी जन्म लेती है, तो सरकार उसके नाम पर ₹5,000 प्रति वर्ष की राशि पांच वर्षों तक सीधे फिक्स्ड डिपॉज़िट में जमा कराती है। यह ‘हरियाणा बेटी योजना’ बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है।
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलता है जिनकी दूसरी बेटी का जन्म 20 अगस्त 2015 या उसके बाद हुआ है। योजना की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को मजबूती देना रहा है। यह ‘हरियाणा गर्ल चाइल्ड स्कीम’ न केवल आर्थिक सहायता देती है बल्कि समाज में बेटियों की प्रतिष्ठा भी बढ़ाती है।
उत्तर प्रदेश –मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों के सम्मान, शिक्षा और समग्र विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत जैसे ही किसी परिवार में बेटी जन्म लेती है, सरकार उसकी परवरिश की पहली सीढ़ी को मजबूत करने के लिए ₹5,000 की आर्थिक सहायता सीधे उसके नाम पर जमा करती है। यह एक स्थायी और प्रेरणादायक पहल है, जो ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के संकल्प को मजबूत बनाती है।
‘कन्या सुमंगला योजना’ केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह एक भरोसा है जो राज्य सरकार बेटियों के उज्ज्वल भविष्य पर जताती है। यह योजना खासकर उन परिवारों के लिए संजीवनी है जो शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में बेटियों के सपनों को साकार करना चाहते हैं। यह ‘UP girl scheme 2025’ की एक मजबूत नींव है जो उत्तर प्रदेश को बेटियों के लिए और भी सुरक्षित और सम्मानजनक बनाती है।
दिल्ली –दिल्ली लाडली स्कीम
दिल्ली सरकार की ‘लाडली योजना’ एक सराहनीय पहल है, जो बेटी के जन्म के साथ ही ₹5,000 से ₹11,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह सहायता स्कूल में प्रवेश के दौरान भी जारी रहती है, जिससे बालिकाओं की शिक्षा को मजबूती मिलती है। ‘दिल्ली गर्ल चाइल्ड योजना’ का उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है।
महाराष्ट्र माजी कन्या भाग्यश्री योजना
महाराष्ट्र सरकार की ‘माजी कन्या भाग्यश्री योजना’ उन परिवारों के लिए एक आशा की किरण बनकर आई है, जो बेटी के जन्म को उत्सव की तरह मनाना चाहते हैं। इस योजना के अंतर्गत पहली बेटी के लिए ₹5,000 वार्षिक सहायता की व्यवस्था की गई है, जिससे बालिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य की नींव मजबूत हो सके। यह ‘Maharashtra Girl Child Scheme’ बेटियों को आत्मबल देती है और समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है।
राजस्थान मुख्यमंत्री राजश्री योजना
राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री राजश्री योजना’ बेटियों के सम्मान और भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के साथ ही परिवार को ₹2,500 की प्रारंभिक सहायता दी जाती है। यह राशि माता-पिता को यह भरोसा देती है कि उनकी बच्ची का भविष्य सरकार के सहयोग से और भी उज्ज्वल होगा। यह पहल ‘राजस्थान बेटी योजना’ के रूप में बेटी को जन्म से ही आत्मविश्वास देने का कार्य करती है।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि यह केवल जन्म तक सीमित नहीं है, बल्कि बेटी की शिक्षा के हर अहम पड़ाव पर आर्थिक सहायता मिलती है। कक्षा 1, 6, 10 और 12 में पहुँचने पर किस्तों के रूप में ₹50,000 तक की राशि दी जाती है। ‘राजश्री बालिका प्रोत्साहन योजना’ न केवल बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की प्रेरणा भी देती है।
उत्तराखंड नन्दा देवी कन्या योजना
उत्तराखंड सरकार की ‘नन्दा देवी कन्या योजना’ बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है। इस योजना के तहत बेटी के जन्म पर ₹5,000 की राशि उसके नाम पर फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) के रूप में जमा की जाती है। यह सहायता न केवल आर्थिक सहारा है, बल्कि एक मजबूत भरोसा है कि सरकार हर बेटी के साथ खड़ी है।
यह ‘उत्तराखंड बेटी योजना’ तब और खास बन जाती है जब FD की परिपक्वता बेटी की 18 वर्ष की आयु पर होती है — ठीक उस मोड़ पर, जब वह उच्च शिक्षा या अपने सपनों की शुरुआत करना चाहती है। यह योजना हर परिवार को बेटी को गर्व और आत्मबल के साथ बड़ा करने की प्रेरणा देती है।
मध्य प्रदेश लाडली लक्ष्मी योजना
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ बेटियों को न सिर्फ एक नई पहचान देती है, बल्कि उनके भविष्य को भी सुनहरा बनाती है। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद प्रतिवर्ष ₹6,000 की राशि लगातार पाँच वर्षों तक उसके नाम पर जमा की जाती है। यह ‘लक्ष्मी योजना एमपी’ हर उस परिवार के लिए वरदान है जो अपनी बिटिया के लिए सुरक्षित और सशक्त भविष्य की कल्पना करता है।
इस योजना की खूबी यह है कि जैसे-जैसे बालिका शिक्षा की ओर कदम बढ़ाती है कक्षा 6वीं, 9वीं, 11वीं और 12वीं में उसे अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के अंतर्गत कुल लाभ राशि ₹1 लाख तक पहुँच सकती है। ‘MP girl child scheme 2025’ न केवल बेटियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि अब बेटी बोझ नहीं, बल्कि भविष्य की रौशनी है।
तमिलनाडु मुख्यमंत्री गर्ल चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम
तमिलनाडु सरकार की ‘मुख्यमंत्री गर्ल चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम’ उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जो बेटियों को सम्मान और सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं। इस योजना के अंतर्गत यदि किसी परिवार में एक बेटी है, तो उसके नाम पर ₹50,000 की फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) जमा की जाती है। वहीं दो बेटियों के होने पर प्रत्येक के लिए ₹25,000 की FD का प्रावधान है।
यह ‘Tamil Nadu girl child scheme’ केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इस ‘गर्ल चाइल्ड सेविंग स्कीम’ का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बेटी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ सके। यह योजना समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने का भी काम करती है।
योजना के लिए आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज़ (Basic & Compulsory Documents)
- बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate): यह सबसे जरूरी दस्तावेज़ है जो साबित करता है कि बच्ची कब और कहां पैदा हुई।
- माता-पिता का पहचान पत्र: जैसे – आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस।
- परिवार की आय प्रमाण पत्र (Income Certificate): यह दिखाने के लिए कि परिवार योजना के पात्रता मापदंड में आता है।
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate): यह साबित करता है कि आप उस राज्य के स्थायी निवासी हैं।
- पासपोर्ट साइज फोटो: माता-पिता और बच्ची की हालिया रंगीन तस्वीरें।
- बैंक पासबुक की कॉपी: जिस खाते में योजना की राशि जमा होनी है, उसकी पहली पेज की कॉपी।
- आधार कार्ड (बच्ची व माता-पिता का): आधार से लिंकिंग अब कई योजनाओं में जरूरी हो गई है।
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो आवेदन करते समय आपके गाँव के सरपंच का हस्ताक्षर और एक सत्यापन पत्र (लेटर) संलग्न करना फायदेमंद रहेगा। वहीं, यदि आप शहरी क्षेत्र से हैं, तो नगर पालिका या नगर परिषद के पार्षद का हस्ताक्षरित पत्र लगाना आपकी पात्रता को और मजबूत बना सकता है। ऐसे प्रमाण आपके आवेदन की विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं और स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाते हैं।
बेटियों के लिए सबसे अच्छी योजना कौन सी है?
बेटियों के लिए सबसे अच्छी योजना का चुनाव उनके उम्र, परिवार की आर्थिक स्थिति और राज्य सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है। लेकिन अगर राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ सबसे भरोसेमंद और लोकप्रिय योजना मानी जाती है। यह केंद्र सरकार की बचत योजना है जिसमें बालिका के नाम पर खाता खुलवाकर उसमें निवेश किया जाता है, जो 21 वर्ष की उम्र या शादी तक परिपक्व होता है। इसमें ब्याज दर भी अन्य योजनाओं से अधिक होती है।
वहीं, राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश की ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’, मध्य प्रदेश की ‘लाडली लक्ष्मी योजना’, और हरियाणा की ‘लाडली योजना’ भी बेटियों के लिए बेहतरीन विकल्प मानी जाती हैं। ये योजनाएं जन्म से लेकर शिक्षा तक आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं और बालिकाओं के आत्मनिर्भर भविष्य की नींव मजबूत करती हैं।
लड़कियों के लिए 50,000 रुपये की सरकारी योजना क्या है?
नहीं, ₹50,000 की राशि वाली कोई एकल केंद्र सरकार की योजना नहीं है। दरअसल, भारत के अलग-अलग राज्यों में बेटियों के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें कहीं ₹5,000, कहीं ₹25,000 और कुछ योजनाओं में ₹50,000 तक की सहायता दी जाती है। जब लोग “लड़कियों के लिए ₹50,000 योजना” सर्च करते हैं, तो वे दरअसल इन विभिन्न योजनाओं के कुल लाभ से भ्रमित हो जाते हैं।
यहाँ कुछ राज्यों की योजनाओं की सूची दी गई है, जहाँ बेटियों को ₹50,000 तक या उससे अधिक का लाभ मिलता है:
- तमिलनाडु: मुख्यमंत्री गर्ल चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम – ₹50,000 FD (एक बेटी पर)
- राजस्थान: मुख्यमंत्री राजश्री योजना – कुल लाभ ₹50,000 तक (किस्तों में)
- मध्य प्रदेश: लाडली लक्ष्मी योजना – कुल सहायता ₹1,00,000 तक
- दिल्ली: लाडली योजना – जन्म और स्कूल स्तर पर ₹11,000 तक की किस्तें
- उत्तर प्रदेश: कन्या सुमंगला योजना – जन्म और शिक्षा के लिए चरणबद्ध आर्थिक सहायता
इसलिए “₹50,000 की बेटी योजना” कोई एक नाम से चलने वाली सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह अलग-अलग राज्यों की योजनाओं से जुड़ी राशि का समग्र रूप है।
पहला बच्चा लड़की होने पर कितना पैसा मिलता है ?
यह लाभ आपके राज्य सरकार की योजना पर निर्भर करता है। अलग-अलग राज्यों में पहली बेटी के जन्म पर अलग-अलग आर्थिक सहायता दी जाती है। नीचे कुछ प्रमुख राज्यों की योजनाएं दी गई हैं:
- हरियाणा: लाडली योजना – दूसरी बेटी पर ₹5,000 प्रतिवर्ष (पहली पर नहीं, पर कुछ जिलों में अपवाद हो सकते हैं)
- उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना – जन्म से लेकर शिक्षा तक कुल ₹15,000 तक की सहायता
- तमिलनाडु: मुख्यमंत्री गर्ल चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम – एक बेटी होने पर ₹50,000 फिक्स्ड डिपॉज़िट
- महाराष्ट्र: माजी कन्या भाग्यश्री योजना – पहली बेटी के लिए ₹5,000 सालाना की आर्थिक सहायता
- राजस्थान: मुख्यमंत्री राजश्री योजना – जन्म पर ₹2,500 और आगे की पढ़ाई पर मिलाकर कुल ₹50,000 तक
- मध्य प्रदेश: लाडली लक्ष्मी योजना – जन्म के बाद ₹6,000 प्रतिवर्ष, कुल ₹1 लाख तक
इसलिए यह जानने के लिए कि आपको पहली बेटी के जन्म पर कितनी सहायता मिल सकती है, सबसे पहले अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना देखें।
प्रधानमंत्री बेटी योजना क्या है?
“प्रधानमंत्री बेटी योजना” कोई अलग सरकारी योजना नहीं है, बल्कि आमतौर पर इसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (BBBP) नामक राष्ट्रीय अभियान के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य लिंग-भेदभाव को समाप्त करना, बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य की संभावनाएं देना है।
- लॉन्च की तारीख: 22 जनवरी 2015, पानीपत, हरियाणा
- मुख्य लक्ष्य: कम होती लिंग अनुपात को सुधारना, जागरूकता फैलाना, और बालिकाओं का बचाव एवं शिक्षित करना












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